सारंगपुर - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ब्राह्मण समाज की मातृ शक्तियो ने किया स्टॉफ नर्स का सम्मान ।

सारंगपुर - अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ब्राह्मण समाज की मातृ शक्तियो ने किया स्टॉफ नर्स का सम्मान ।


सारंगपुर। भारतीय संस्कृति में महिला लक्ष्मी का स्वरूप मानी गई हैं। ऐसा माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा ने उन्हें पोषण का वरदान दिया है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। वही एक महिला का दर्द एक महिला ही समझ सकती है। हम बात कर रहे है महिलाओ के प्रसव पीड़ा की, जो आज की स्थिति मे सिर्फ और सिर्फ सिविल अस्पताल सारंगपुर की स्टॉफ नर्से ही समझ पा रही है। जिसके चलते रविवार को सुबह 9 बजे सर्व ब्राहम्ण समाज की महिला मंडल अध्यक्ष अंजना अमित दुबे की अध्यक्षता व डॉ. सरिता यादव के मुख्य अतिथ्य मे समाज की महिलाओ ने अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हुए सिविल अस्पताल सारंगपुर की स्टॉफ नर्सो का स्वागत व सम्मान कर उन्हे ओढऩी भेट की। श्रीमति दुबे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कहा कि महिलाएं अपनी क्षमता पर भरोसा करें। महिलाएं संकल्प व समर्पण का दर्पण है। स्वयं का आत्मविश्वास ही महिलाओं को आगे बढऩे के लिए प्रेरित कर सकता है। महिलाएं तमाम तरह के भेदभाव एवं विषम परिस्थितियों के बावजूद निरंतर आगे बढ़ रही हैं। कार्यक्रम मे विशेष अतिथि के रुप मे उपस्थित डॉ. मीना खरे, पार्षद हर्षा पालीवाल, सेवानिवृत स्टॉफ नर्स मीना शर्मा ने भी महिला दिवस पर अपने-अपने विचार व्यक्त करे। वही कार्यक्रम की मुख्य वक्ता कथा वाचक अर्चना दुबे ने कहा कि महिला के मान-सम्मान के प्रति हर दिवस, हर पल सजग रहें, ताकि किसी भी घर की बेटी, बहू या बहन के साथ कुछ भी, कहीं भी गलत न हो सके। इसके लिए पुरुषों को इस मामले में ठोस कदम उठाना चाहिए, क्योंकि नारी सम्मान की बात घर से ही शुरू की जानी चाहिए। ताकि बाकी भी इस सम्मान को बरकरार रखने में पूरी तरह सहयोग दे सके। कार्यक्रम का संचालन आरती दुबे ने किया तथा आभार शिखा शर्मा ने माना। इस अवसर पर रेखा दुबे,पुष्पलता शर्मा, गीता शर्मा, प्रभा पालीवाल, सुनीता दिक्षित, प्रीति अवस्थी, छाया जोशी, पुजा शर्मा सहित कई मातृ शक्तिया उपस्थित थी। 



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